चतुर्भुज = चार भुजाओं से मिलकर बनी बंद आकृति को चतुर्भुज कहते हैं
इस अध्याय में हम ठोस आकृतियो जैसे। घन , घनाभ ,बेलन, गोला व शंकु व अन्य आकृतियों का क्षेत्रफल व आयतन निश्चित होता है ये आकृतियां त्रिविमीय ठोस आकृतियां है या इनकी लंबाई चौड़ाई व ऊंचाई होती होती है
किसी ठोस के द्वारा जितना स्थान घेरा जाता है । वह उसका आयतन कहलाता है
क्षेत्रफल की ईकाई वर्ग व आयतन की ईकाई घन है
वर्ग- वह आकृति जिसके चारों भुजाएं समान हो तथा संलग्न भुजाओं के मध्य का कोण समकोण हो उसे वर्ग कहते हैं
वर्ग का क्षेत्रफल।। भुजा *भुजा
वर्ग का परिमाप।। 4*भुजा
नोट=। *=गुणा है
आयत= चार भुजाओं से बन्द घिरी हुई आकृति जिसके आमने सामने की भुजाएं बराबर व प्रत्येक कोण समकोण हो , उसे आयत कहते हैं
आयत का परिमाप= 2(लंबाई+ चौड़ाई)
समांतर चतर्भुज=वह आकृति जिसके चारों भुजाएं बराबर हो लेकिन यह आवश्यक नहीं को प्रत्येक कोण समकोण( 90°)का हो समांतर चतर्भुज कहलाती है
BC=AD= आधार।
समांतर चतर्भुज का क्षेत्रफल= आधार * ऊंचाई
समांतर समचतुर्भुज =जिसकी चार भुजाएं बराबर हो लेकिन आवश्यक नहीं है कि संलग्न भुजाए(आपस मैं जुड़ी हुई भुजाए ) के बीच का कोण 90°हो समांतर समचर्भुज कहलाता हैं
विक्रण= DB व AC
बहुभूज= वह आकृति जिसकी भुजाएं चार से अधिक हो
पंचभूज= ऐसा बहुभुज जिसमे पांच भुजाएं हो
पंचभूज का क्षेत्रफल=1.7205×(भुजा ×भुजा)
षष्टभुज= जिस बहुभूज की छः भुजाएं हो
क्षेत्रफल=6×√3/4×(भुजा ×भुजा)
किसी भी बहुभूज का परिमाप =सभी भुजाओं की लम्बाईयो का योग